Sunday, 3 June 2018

सात दिन जब मैं मेरे साथ थी।
SPIC MACAY के प्रतिवर्ष होने वाले convention में कुछ साथी नियमित रूप से भाग लेते रहे हैं, मेरे विचार भी प्रतिवर्ष साम्यता महसूस करते थे की मुझे भी जाना है पर इस वर्ष सौभाग्य मिला जब सब कुछ अनुकूल था boss, leave balance और पारिवारिक-व्यक्तिगत परिस्थितियां भी।
IIT DELHI के campus में बीते सात दिन मेरे लिये किसी स्वप्न से कम नहीं थे,आश्रम जैसी दिनचर्या और संगीत एवं अध्यात्मिकता का अलौकिक अनुभव। शब्दों से परे भीतर की यात्रा।Image may contain: 6 people, people smiling, people standing and outdoor
गुरुवर् श्री प्रेम सागर जी से नाद योग की शिक्षा प्रातः 4 बजे से प्रारम्भ होकर यह यात्रा बढ़ती थी ध्रुपद की कक्षा तक।उस्ताद पद्म श्री फयाज़ुद्दीन डागर के  सानिध्य में  ध्रुपद सीखना........
यह अनुभव केवल spic macay का मंच ही दे सकता है।सुर,ताल ,आलाप जो आपको आधायात्मिक यात्रा पर ले जाए।
Spic macay के फाउंडर श्री किरण सेठ जी को सुनने से प्रारंभ हुए sessions निरंतर मुझे भीतर ही भीतर और जोड़ते गए।गिरिजा देवी,बेगम परवीना सुल्ताना और गुरबाणी गायक श्री अलंकार सिंह को सुनना यूँ था कि बुद्धि ,मन और आत्मा के सब भेद समाप्त हो गए हो,विचार शून्य...बस वह संगीत और आप स्वयं अपने ही साथ।विद्वान पद्म भूषण T N KRISHNAN के वायलिन की आवाज़ रूह की आवाज़ से कम न थी।उर्दू अदब में पढ़ा था "रूह की सदा"पर उसे महसूस किया इस CONCERT में।श्री भजन सोपोरी का संतूर वादन वह अनुभव था जिसने रोम खड़े कर दिए तो वारसी ब्रदर्स की कव्वाली उस गंगा जमुनी संस्कृति के उस किनारे ले गयी जो आज हमसे कुछ छूटती जा रही है।
मुझे अपने इंटेंसिव के साथ अलग अलग इंटेंसिव की classes में जाने का भी मौका मिला जो अलौकिक अनुभव था चाहे वो मधुबनी पेंटिंग की क्लास हो या फिर फड़ पेंटिंग की।तेलंगाना की चेरिल लोक कला हो या फिर राजस्थान की पिछवाई।रामसिंह जी की नया थिएटर की कक्षाओं का अपना आनंद था तो जैशे ला की बुद्धिज़्म की कक्षाओं का अपना।
भारत की विविध लोककलाओं ,संगीत ,नाट्यविधा,अध्यात्म के परिचय के साथ ही ये सात दिन भारत को समझने में भी बहुत सार्थक रहे,शायद ही कोई राज्य हो जिसके प्रतिनिधि इस कन्वेंशन में नही हो।सुदूर केरल और कोयम्बटूर से लेकर पिथोरागढ़,हिमाचल के साथियों से मिलना सचमुच स्वर्गीय अनुभव रहा।भारत राज्यों,गाँवों का समुच्चय भर नही पर हम सब के विभिन्न विचारों,आस्थाओं ,कलाओं,लोक संस्कृतियों और जीवन मूल्यों का समुच्चय है और इसका प्रत्यक्ष दर्शन हुआ इस कंवेंशन में।
अपने जीवन की उठापटक से दूर मुझे इस आध्यात्मिक यात्रा पर ले जाने के लिए यह आंदोलन सच में साधुवाद का पात्र है।
अपने आनंदातिरेक के इन क्षणों की प्रेरणा का माध्यम spic macay आंदोलन यूँ ही निरंतर बढ़ता रहे और volunteership की भावना इसी ऊर्जा के साथ जिन्दा रहे इन्ही शुभकामनाओं के साथ।
ज्योति ककवानीImage may contain: 2 people, people standing
अजमेर(राजस्थान)।

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