श्रीमान जिला कलेक्टर गौरव गोयल की पहल पर अजमेर में आयोजित किये जा रहे बर्ड फेयर में आज पाथ वे आनासागर पर पक्षी विशेषज्ञ श्री के के शर्मा जी के साथ प्रवासी पक्षियों को देखने का आनंद प्राप्त हुआ।मेरी जन्मभूमि अजमेर ही रही है और इसके कंकड़, पत्थर और झाड़ियों से भी मुझे उतना ही प्रेम है जितना यहाँ के प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक सौंदर्य से,पर इस बर्ड फेयर के कारण आनासागर झील के प्राकृतिक सौंदर्य का जो अप्रतिम खजाना मुझे मिला उसकी कोई कीमत नही लगाई जा सकती।मेरे सर पर जब समूह में brown headed gull उड़ रही थी तो ऐसा लग रहा था की वे ताजिकिस्तान एवं मंगोलिया के लोगों की ओर से अभिवादन भी कर रही हो।नई चौपाटी की ओर समूह में जाती pelican (हवासिल)को निहारना एक अद्भुत अनुभव था,इनकी पीली चोंच और सुनहरे पैरों ने आनासागर की पाल का सौंदर्य कई गुना बढ़ा दिया था।मुझे पाल पर coots के साथ ही abocet और godwit भी दिखे तो फिर black wing stilt भी।इनके लम्बे गुलाबी पैर,ढलते हुए सूर्य की केसरिया रश्मियाँ और बारादरी की झक सफेदी तीनों का मिलन अप्रतिम था।वहीँ वहां मौजूद cormorant (पन कौवा) और debchick की पानी की अठखेलियों ने खींचन के कुरजां की याद दिला दी।
वहां उपस्थित लोगों ने ये भी बताया की पूर्व में यहाँ पर flemingos, सारस और painted storke भी आते थे पर ग्रीन एरिया के निरंतर घटते क्षेत्र की वजह से इनका आना कुछ वर्षों से बंद हो गया है।
दूर तक पानी मे खेलते पक्षियों को देखकर मुझे बार बार ये लग रहा था कि प्रकृति का ये वरदान तो हमें हर वर्ष मिलता है पर हम ही है जो अपनी व्यस्तता में इस ख़ूबसूरती को निहार ही नहीं पाते।मैं मन ही मन जिला कलेक्टर श्रीमान गौरव गोयल एवं राजस्थान पत्रिका के उपेंदर जी के साथ bird conservation society ajmer को धन्यवाद देती रही जिन्होंने बर्ड फेयर की योजना बनायीं और इस सौंदर्य के सृजन में अजमेर वासियों को भागीदार बनाया।यह पहल न केवल पक्षियों के प्राकृतिक वास के सरंक्षण में सहायक होगी पर खींचन और घाना की तरह पर्यटकों को आकर्षित भी करेगी।इस तरह के आयोजन अजमेर में हर वर्ष होते रहे इसी दुआ के साथ।
ज्योति ककवानी
उपायुक्त नगर निगम अजमेर।।।